राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर नैनीताल में तैयारियां तेज़..

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उत्तराखंड की झीलों की नगरी नैनीताल जल्द ही एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावित दो दिवसीय दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता में राजभवन में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में राष्ट्रपति के कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा पर चर्चा की गई। राज्यपाल ने कहा कि यह दौरा न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे कुमाऊं क्षेत्र के लिए गौरव और सम्मान का विषय है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध, सुव्यवस्थित और उच्च गुणवत्ता वाली हों ताकि राष्ट्रपति की यात्रा गरिमामय और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।

राज्य की संस्कृति और आतिथ्य की झलक दिखे

राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा, “राष्ट्रपति की यह यात्रा हमारे राज्य के लिए सम्मान और अवसर दोनों है। सभी अधिकारी विभागीय समन्वय के साथ कार्य करें ताकि व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे। प्रत्येक आयोजन में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक आतिथ्य का प्रदर्शन झलकना चाहिए।”

राजभवन के 125 वर्ष पर विशेष समारोह

बैठक में बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नैनीताल राजभवन के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इसके अलावा, वह कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी और प्रसिद्ध कैंचीधाम मंदिर जाकर बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन करेंगी।

सुरक्षा और सौंदर्यीकरण पर विशेष फोकस

राज्यपाल ने निर्देश दिया कि सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य और बहुस्तरीय हो। साथ ही, यातायात नियंत्रण, अतिथि स्वागत और आवास व्यवस्था में कोई कमी न रहे। नैनीताल की सड़कों, राजभवन परिसर और विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे सौंदर्यीकरण व मरम्मत कार्यों को तेज़ गति से पूरा करने के आदेश दिए गए।

बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी

बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, कुमाऊं मंडल आयुक्त एवं सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, अपर सचिव राज्यपाल रीना जोशी, केएमवीएन प्रबंध निदेशक विनीत तोमर, जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत और पुलिस अधीक्षक (यातायात) जगदीश चंद्र सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने सभी विभागों से कहा कि राष्ट्रपति की यह यात्रा न केवल प्रशासनिक परीक्षा है, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यटन और शिक्षा जगत की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई देने का अवसर भी है।

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