हल्द्वानी/रामनगर । राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) तथा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) के संयुक्त प्रयास से उत्तराखण्ड के पांच प्रमुख शहरों में शहरी नदी प्रबंधन योजना (यूआरएमपी) विकसित की जाएगी। इस सिलसिले में नगर पालिका परिषद्, रामनगर में एक कार्यसमिति की बैठक की गई, जिसकी अध्यक्षता अलोक उनियाल अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद् ने की।

बैठक में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री उनियाल ने बताया कि यूआरएमपी का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नदी प्रबंधन से संबंधित विभिन्न कार्यों को एकजुटता के साथ किया जा सके। इस योजना के तहत गंगोत्री-यमुनोत्री, ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी-काठगोदाम एवं रामनगर जैसे क्षेत्रों में नदी प्रबंधन को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
बैठक में एनएमसीजी और एनआईयूए द्वारा यूआरएमपी को तैयार करने हेतु नामित फर्म ली एसोसिएट्स के चंद्रशेखर सिन्हा और राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के विशेषज्ञ रोहित जयाड़ा ने उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने यूआरएमपी के मुख्य उद्देश्यों, वर्तमान स्थिति एवं योजना के विकास के लिए आवश्यक डेटा और SWOT विश्लेषण पर जानकारी साझा की।
इस दौरान अमित कुमार सहायक अभियंता, उत्तराखण्ड ने रामनगर क्षेत्र की पेयजल स्थिति पर अपडेट दिया। वहीं शुभ पाण्डेय अवर अभियंता, उत्तराखण्ड पेयजल निगम ने जानकारी दी कि रामनगर में सीवर लाइन योजना बनाई जा रही है। जिससे नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से कार्य कर सकेंगे।
अधिशासी अभियंता सिंचाई खण्ड, रामनगर ने कोसी नदी के फ्लड प्लेन ज़ोन चिन्हिकरण तथा नगर के लिए ड्रेनेज प्लान तैयार करने की दिशा में भी जानकारी प्रदान की। इसके अलावा वन विभाग, रामनगर ने यूआरएमपी के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में प्रमुख व्यक्ति जैसे मनोज कुमार जैन (सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग), राम कुमार (डी.एल.एम. खनन, वन निगम), आयुष नेगी (वैज्ञानिक सहायक, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) और इन्द्र लाल (डिप्टी रेंजर, वन विभाग) भी उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण बैठक ने नदी प्रबंधन की दिशा में एक नई पहल और सहयोग की संकल्पना को उजागर किया है।
