अपहरण नहीं, सैर-सपाटा!”नैनीताल की सियासत में वायरल वीडियो ने मचाया भूचाल

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नैनीताल की राजनीति इन दिनों नूरा कुश्ती का अखाड़ा बनी हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर गुरुवार को जो सियासी तूफान उठा था, अब उसका रुख एक वायरल वीडियो ने पूरी तरह से पलट दिया है।

पिछले कुछ दिनों से लापता बताए जा रहे जिला पंचायत के पांच सदस्यों को लेकर विपक्ष ने अपहरण का संगीन आरोप लगाया था। लेकिन शुक्रवार की रात एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आते ही पूरा घटनाक्रम नया मोड़ ले गया। वीडियो में पांचों सदस्य मुस्कुराते हुए कैमरे के सामने कहते नजर आ रहे हैं –


हमारा कोई अपहरण नहीं हुआ है, हम तो खुद घूमने आए हैं।”

अब सवाल यह उठता है—यह घूमना है या राजनीतिक भूमिकाओं का तयशुदा मंचन ?

विपक्ष इस बयान को डर और दबाव में दिया गया स्क्रिप्टेड ड्रामा करार दे रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे अपनी निर्दोषता की गवाही बता रहा है। दोनों ही खेमे इस वीडियो को अपने-अपने तरीके से भुना रहे हैं।

सदस्यों का दावा है कि वे सरकार के साथ हैं और अपने क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लेकिन अगर वाकई ऐसा है, तो अचानक गायब होने और फोन बंद करने की नौबत क्यों आई?

सवाल बहुत हैं, जवाब अधूरे।
मगर इतना तय है. नैनीताल की पंचायत अब सिर्फ चुनाव का मैदान नहीं, बल्कि राजनीतिक पटकथा का थियेटर बन चुकी है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि यह वीडियो किसके लिए चालाकी की चाल साबित होता है और किसके लिए *गले की फांस। मामले की 18 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई है…

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