हल्द्वानी। बागजाला गांव में भूमि के मालिकाना अधिकार, निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाने, पंचायत चुनाव का अधिकार बहाल करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला कमेटी के नेतृत्व में ग्रामीणों का आंदोलन 17वें दिन भी जारी रहा।
धरने का समर्थन बिंदुखत्ता से पहुंचे वरिष्ठ किसान नेता पुष्कर दुबड़िया ने किया, जिन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनता के मुद्दों से मुंह चुरा रही है, इसलिए इस बहरी सरकार को जगाने के लिए जोर से बोलना जरूरी है।
किशन सिंह बघरी ने बताया कि नैनीताल जिले में हजारों भूमिहीन लोग अपने अधिकारों से वंचित हैं। सभी भूमिहीनों को एक मंच पर आकर अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना चाहिए।
किसान नेता गोविन्द सिंह जीना ने कहा, “जो लड़ने को तैयार नहीं, जो मरने को तैयार नहीं, उसका कोई इतिहास नहीं। संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है।”
नैन सिंह कोरंगा ने कहा कि, “बिंदुखत्ता हो या बागजाला, अब तक जो भी जीत हासिल हुई है, वह आंदोलन के बल पर ही संभव हुई है, और आगे भी लड़ाइयां आंदोलन के दम पर ही जीती जाएंगी।”
धरने में अनेक किसान नेताओं और ग्रामीणों ने भाग लिया, जिनमें आनन्द सिंह नेगी, पुष्कर दुबड़िया, किशन बघरी, गोविन्द सिंह जीना, नैन सिंह कोरंगा, डा उर्मिला रैस्वाल, विमला देवी, हेमा देवी, प्रेम सिंह नयाल, डा कैलाश पाण्डेय, हरक सिंह बिष्ट, ऋषि मटियाली आदि शामिल हैं।
यह आंदोलन अभी भी जारी है और ग्रामीणों की मुख्य मांगों पर सरकार से सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।