उत्तराखंड में आगामी निकाय चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा बढ़ाने के साथ-साथ नए कड़े नियम लागू कर दिए हैं। अब, सभासद सदस्य या नगर निगम मेयर के चुनावी उम्मीदवारों को खर्च का पूरा ब्योरा प्रमाण के साथ देना होगा। अगर कोई उम्मीदवार सही खर्च का विवरण नहीं प्रस्तुत करता, तो उस पर तीन साल का प्रतिबंध लग सकता है, जिसके बाद वह अगले चुनाव में भाग नहीं ले पाएगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने “अधिकतम निर्वाचन व्यय और लेखा परीक्षक आदेश 2024” जारी किया है। इसके तहत हर उम्मीदवार को चुनावी खर्च का ब्योरा 30 दिन के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास सत्यापित शपथ पत्र के साथ जमा करना होगा।
रिटर्निंग अफसर चुनाव के दौरान कम से कम तीन बार उम्मीदवार के खर्च का मिलान करेंगे। अगर किसी उम्मीदवार ने खर्च का विवरण सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया, तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी