सैफ अली सिद्दीकी
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के एक आश्रम द्वारा गुरुकुल कांगड़ी के समीप सड़क पर अतिक्रमण कर लगभग 200 दुकानें बनाकर किराए पर देने संबंधी जनहित याचिका में राज्य सरकार और हरिद्वार विकास प्राधिकरण से जवाब दाखिल करने को कहा है। वरिष्ठ न्यायाधीश मंनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर के लिए तय की है।
हरिद्वार निवासी अधिवक्ता रोहिताश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि गुरुकुल कांगड़ी के पास अवधूत मंडल आश्रम ने सड़क की साढ़े तीन मीटर चौड़ी रोड की भूमि पर अतिक्रमण करके लगभग दो सौ दुकानों का निर्माण किया और उसे किराए पर दे दिया।
हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2012 में रिपोर्ट जारी कर कहा था कि रोड की चौड़ाई साढ़े सात मीटर होनी चाहिए थी, जो साढ़े तीन मीटर कम पाई गई। जब इसकी रिपोर्ट याचिकाकर्ता ने आर.टी.आई.से मांगी तो संबंधित फाइल प्राधिकरण के कार्यालय से गायब मिली।
शिकायत करने पर जनवरी 2024 में मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन आज तक पुलिस ने इसकी जांच पूरी ही नहीं की है। जनहीत याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि जिन लोगों ने इस फ़ाइल को गायब किया है, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। कहा गया कि सड़क पर हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाय और दर्ज मुकदमें की जाँच शीघ्र की जाए।