पशुओं की जानलेवा बीमारियों पर DIC में गोष्ठी, रेनू अधिकारी रहीं मुख्य अतिथि

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देहरादून। जिला उद्योग केंद्र (DIC) कार्यालय में पशु कल्याण को लेकर एक विशेष जागरूकता गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसका उद्देश्य पशुओं में होने वाले जीवाणु एवं विषाणु जनित रोगों, विशेषकर रेबीज और कैनाइन डिस्टेंपर, के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना रहा।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और राज्य महिला उद्यमिता परिषद, उत्तराखंड की सदस्य रेनू अधिकारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पशु प्रेम और संरक्षण समाज के विकास के लिए अत्यंत जरूरी हैं। उन्होंने सहारा एनजीओ की संस्थापक मेघना बोहरा को पशु कल्याण के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व कार्यों के लिए बधाई दी और स्वयं भी इस नेक पहल में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

सहारा एनजीओ की अध्यक्ष मेघना बोहरा ने अपने प्रस्तुतिकरण में कहा कि कैनाइन डिस्टेंपर एक अत्यंत संक्रामक और जानलेवा बीमारी है, जो हवा के माध्यम से कुत्तों में कोविड-19 की तरह फैलती है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी मानवों को प्रभावित नहीं करती, लेकिन कुत्तों के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है। उन्होंने इस रोग से बचाव के लिए “9 इन 1” वैक्सीनेशन के महत्व पर जोर दिया।

इसके साथ ही, उन्होंने एक विशेष योजना के तहत सभी सड़कों पर रहने वाले पशु-पक्षियों को रिफ्लेक्टिव कॉलर पहनाने का प्रस्ताव भी रखा, ताकि रात्रिकालीन समय में इन जानवरों को दुर्घटना से बचाया जा सके।

कार्यक्रम में सहारा एनजीओ की टीम के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस मौके पर मौजूद प्रमुख सदस्यों में मेघना बोहरा, आकांशा बिष्ट, अनुवृंदा जोशी, श्वेता रावत, हिमांशी त्रिपाठी, रितिका, हिमानी पांडे, भक्ति, दिव्या, गरिमा, तनीषा, हिमानी रावत, मेघा, वीथिका, सौम्या, ख़ुशी आर्य, मुकुल गुप्ता, दिकेश चीलवाल, करन सिंह, अजीत अग्रहरि, मोहित राणा, रोहित सुगारा, ऋतिक पाल, विनीत, जतीन, राहुल, हिमांशु दसौनी सहित अन्य सदस्य शामिल रहे।

यह गोष्ठी पशु कल्याण को समाज में अधिक प्रभावी बनाने और जानवरों के प्रति सहानुभूति एवं सहयोग की भावना को मजबूत करने का प्रयास था। सहारा एनजीओ भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता अभियान जारी रखने का संकल्प लेती है।

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