रिपोर्टर – सैफ अली सिद्दीकी
हल्द्वानी। सफलता कभी भी पक्की नहीं होती है, असफलता भी कभी अंतिम नहीं होती है तो जी जान लगा दो सफल होने के लिए…
यह कहना है हल्द्वानी वनभूलपुरा के रहने वाले शादाब आलम का जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता पाई है और लोक सेवा आयोग देहरादून से चयनित होकर राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी रूद्रप्रयाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बने हैं।
शादाब आलम ने हाई स्कूल वर्ष 2007 और इंटरमीडिएट वर्ष 2009 में सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी से किया। उन्होंने बीबीए आम्रपाली लामाचोड़ से वर्ष 2012 में किया। फिर उन्होंने एमबीए जयपुरिया बिजनेस स्कूल दिल्ली से वर्ष 2014 में किया। उन्होंने एमकॉम कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल से वर्ष 2016 में किया।
शादाब ने बताया की वर्ष 2017 में वह दुबई चले गए थे।
उन्होंने दुबई अबूधाबी शारजा में सैमसंग मोबाइल कंपनी में दो साल काम किया। दुबई से लौटने के बाद उन्होंने 2019-20 में नेट जेआरएफ की परीक्षा पास की। फिर उन्होंने बताया कि वह प्रो. डॉ विजय लक्ष्मी शर्मा के सानिध्य में कुमाऊं यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में पीएचडी कर रहे हैं। शादाब आलम के शोध का विषय “बाइंग बिहेवियर” है। उन्होंने मोबाइल फील्ड में नैनीताल डिस्ट्रिक्ट पर काफी शोध किया है।
शादाब आलम का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी रूद्रप्रयाग में हुआ है। उन्होंने इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।