रामनगर। रामनगर टैक्स बार एसोसिएशन ने आयकर रिटर्न 2025-26 के न आने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। बार का आरोप है कि नए वित्तीय वर्ष का रिटर्न 1 अप्रैल 2025 को जारी होना चाहिए था, लेकिन 45 दिनों से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद रिटर्न अभी तक नहीं आया है, जिससे कई आयकरदाताओं के बैंक, वीजा जैसे जरूरी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
बार ने इसे सरकार की गंभीर लापरवाही करार दिया है और कहा है कि सरकार ने अप्रैल से जुलाई के बीच चार महीने का रिटर्न भरने का समय दिया था, जिसमें से दो महीने बीत जाने के बावजूद रिटर्न नहीं आया है। इस देरी का खामियाजा आयकरदाताओं को भुगतना पड़ रहा है, जिनके ऊपर लेट फीस के नाम पर अनावश्यक वसूली भी की जा रही है।
इसके साथ ही, टैक्स बार ने मांग की है कि रिटर्न भरने की सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर की जाए, और जितने दिनों में रिटर्न में देरी हुई है, उतने ही दिनों का लाभ आयकरदाताओं को प्रदान किया जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार समय पर रिटर्न न लेने के कारण, अघोषित रूप से आयकरदाताओं से अधिक राशि वसूल रही है।

बार ने यह भी सुझाव दिया है कि रिटर्न देर से भरने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं, रामनगर टैक्स बार की वार्षिक बैठक एक निजी रिसॉर्ट में आयोजित हुई, जिसमें बार के संविधान में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई। बैठक में तय किया गया कि अब कार्यकारणी सदस्यों की बैठक में 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी, अन्यथा वे आगामी चुनाव के लिए अयोग्य हो जाएंगे। अधिकांश सदस्य चुनाव के दौरान अपनी दावेदारी पेश करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद बैठक में कम सहभागिता होती है, जिसे रोकने के उद्देश्य से यह नियम लागू किया गया है।
बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष पूरन चन्द्र पाण्डे ने की, जबकि संचालन उपसचिव मनु अग्रवाल ने किया। इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रबल बंसल, कनिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद फिरोज, प्रेस प्रवक्ता गुलरेज़ रज़ा, सागर भट्ट, कोषाध्यक्ष विशाल रस्तोगी, फैजुल हक़, संजीव अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, राकेश राही, भोपाल रावत, रोहित माहेश्वरी, जीशान मलिक, मनोज बिष्ट, लइक अहमद, आयुष अग्रवाल सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।