हाल्द्वानी। नैनीताल में नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने, महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने तथा भाजपा समर्थित अराजक तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने के संबंध में आज उप जिलाधिकारी कार्यालय हल्द्वानी में एक प्रदर्शन एवं ज्ञापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि अप्रैल माह में नैनीताल में हुई नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार की घटना ने समूचे उत्तराखंड की जनता को गहरा आघात पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी में 15 दिनों से अधिक का समय लगने से प्रदेश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। अंततः 1 मई को आरोपी 72 वर्षीय मोहम्मद उस्मान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा व आरएसएस समर्थित अराजक तत्वों द्वारा नैनीताल में निकाले गए जुलूस को सांप्रदायिक रंग देकर, अल्पसंख्यक समुदाय के घरों और दुकानों पर तोड़फोड़, मारपीट और गाली-गलौज की गई। साथ ही, महिलाओं व अल्पसंख्यक समुदाय को मां-बहनों की गालियां दी गईं, जिससे समाज में भय का माहौल बना। नैनीताल थाने में घुसकर एक अल्पसंख्यक पुलिस अधिकारी पर हमला करने जैसी घटनाओं की भी निंदा की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इन हिंसक गतिविधियों को पुलिस की मौजूदगी में अंजाम दिया गया, जबकि पुलिस अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करने में मूक दर्शक बन कर रह गई।
सभी वक्ताओं ने कहा कि भाजपा एवं आरएसएस से जुड़े अराजक तत्व नैनीताल से शुरू हुई हिंसा व अराजकता को व्यापक स्तर पर फैलाने का षडयंत्र कर रहे हैं। इसके तहत वे विभिन्न स्थानों पर अल्पसंख्यकों की दुकानें बंद करवा रहे हैं, उनकी आईडी चेक कर धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन भाजपा से जुड़े संगठनों को अराजकता फैलाने की छूट दे रहा है, जिससे समाज में भय का माहौल व्याप्त हो रहा है और जनता का कानून-व्यवस्था पर भरोसा टूट रहा है।
ज्ञापन में मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगे की गईं:
- नैनीताल में नाबालिग के साथ बलात्कार के पीड़ित का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर आरोपी को कठोर सजा दी जाए। महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा हेतु पुलिस बल को अधिक संवेदनशील बनाया जाए।
- नैनीताल व उत्तराखंड में तोड़-फोड़, हमला और गाली-गलौच करने वाले अराजक व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध नामजद मुकदमे दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
- अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाए तथा उनके साथ भेदभाव न किया जाए, उनके साथ समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशानुसार हेट स्पीच के विरुद्ध पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर मुकदमे दर्ज करे और आरोपियों के घरों पर बुल्डोजर चलाने पर लगी रोक का भी पालन सुनिश्चित किया जाए।
इस कार्यक्रम में प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, भाकपा माले, भीम आर्मी, एक्टू, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, मानवाधिकार संगठन सहित कई सामाजिक एवं राजनीतिक संस्थान के प्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
प्रसंग में रजनी जोशी, महेश, डॉ. कैलाश पांडे, के. के. बोरा, नफीस अहमद खान, हरीश लोधी, विकास चौहान, रियासत अली, जोगिंदर लाल, फिरोज खान, जीवन चंद्र, लक्ष्मी नारायण, शिवम ठाकुर, रोहित दिवाकर, सिराज अहमद आदि अनेक नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।