हल्द्वानी/रुड़की। उत्तराखंड के महिला चिकित्सालय हल्द्वानी में डॉ. मोनिका खर्कवाल के खिलाफ लगाए गए आरोपों और उप जिला चिकित्सालय रुड़की में डॉ. एजाज़ अहमद के साथ हुई मारपीट व तोड़फोड़ की घटनाओं के विरोध में प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने आज एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया। बैठक दोपहर डेढ़ बजे से शाम तीन बजे तक आयोजित हुई, जिसमें चिकित्सकों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों ने इन घटनाओं के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की।
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि पुलिस प्रशासन से इन मामलों का त्वरित संज्ञान लेने और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाएगा। संघ ने विशेष रूप से पुलिस महानिदेशक से इन घटनाओं में हस्तक्षेप कर, आरोपितों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया है।
डॉ. मोनिका खर्कवाल के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर संघ का कहना है कि उन्होंने पीड़िता के साथ जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं की है। उन्होंने बताया कि पीड़िता का परीक्षण इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक द्वारा किया गया था और परीक्षण के पश्चात ही पुलिस को सूचित किया गया। डॉ. खर्कवाल बीस वर्षों से अधिक समय से विभाग में सेवाएं दे रही हैं और इस दौरान उन्होंने कई बालिकाओं का परीक्षण किया है, जिनमें से कई को न्यायालय ने दंडित भी किया है। संघ ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि उनकी सेवा में ईमानदारी और निष्कलंकता है, और इस तरह के आरोप उनके सेवा जीवन का सम्मान है।
रुड़की में डॉ. एजाज़ अहमद के साथ हुई मारपीट और अस्पताल में तोड़फोड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए संघ ने बताया कि आरोपितों की पहचान हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि इन घटनाओं में लगी धाराओं का प्रयोग नहीं किया गया है, जिससे अपराधी आसानी से बच जाते हैं। संघ ने मांग की है कि इन मामलों में सख्त कानून के तहत कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके।
संघ के सदस्यों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन घटनाओं पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो वह आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने पुलिस और सरकार की निष्क्रियता का जिम्मेदारी से उल्लेख किया है और कहा कि यदि प्रशासन ने कदम नहीं उठाए तो यह उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
इस बैठक में चिकित्सकों ने अपने गहरे रोष और नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वे अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। संघ ने सरकार और पुलिस से इन घटनाओं के संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है।