हल्द्वानी। जलवायु परिवर्तन के अप्रत्याशित तापमान के कारण किसानों की खेती में बड़े बदलाव आ रहे हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा, नैनीताल और उधमसिंहनगर में एक प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। इस प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी प्रोजेक्ट मैनेजर जलागम एसके उपाध्याय ने आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत को एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी।
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन खेती के लिए गंभीर जोखिम उत्पन्न कर रहा है, जिसमें तापमान में अप्रत्याशित परिवर्तन, वर्षा की मात्रा में उतार-चढ़ाव और कीटों तथा बीमारियों की बढ़ती संख्या शामिल है। इससे फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, विशेषकर सूखे और विनाशकारी बारिश के कारण।
इसका समाधान निकालने के लिए कृषि में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के ठोस कदम उठाए जाएंगे। आयुक्त दीपक रावत ने इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की आवश्यकता पर जोर दिया और किसानों को जागरूक करने की बात कही, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
यह प्रोजेक्ट कमजोर किसानों को बेहतर तरीके से तैयार करने और उनकी कृषि उत्पादन क्षमता को पुनः प्राप्त करने में मदद करेगा, खासकर जोखिमग्रस्त पर्वतीय क्षेत्रों में।