हल्द्वानी। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के नवम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने शिक्षा के इस महोत्सव में 20 शिक्षार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 02 शिक्षार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, और 13 छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। इस समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2023-24 के शैक्षिक सत्र में 17088 शिक्षार्थियों को स्नातक एवं स्नात्कोत्तर की उपाधि भी प्रदान की गई।
राज्यपाल ने इस अवसर पर ‘उड़ान’ नामक पुस्तक का विमोचन किया और डा. हेमचन्द्र को मानद उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले 17088 छात्रों के लिए डीजी लॉकर के माध्यम से एक नई प्रणाली का शुभारंभ भी किया।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने समारोह में उपस्थित सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह केवल एक दीक्षांत समारोह नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, परिश्रम और साधना की सभी उपलब्धियों का उत्सव है। उन्होंने इस अवसर पर उत्तराखंड के सिलवर जुबली वर्ष की ओर इशारा करते हुए नए संकल्प लेने की बात की।
राज्यपाल ने शिक्षण संस्थान के कामों की सराहना करते हुए कहा कि यह दिव्यांग छात्रों के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा की पहुंच को व्यापक किया है, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने में।
सचिव उच्चशिक्षा रंजीत कुमार सिन्हा ने भी समारोह में महत्वपूर्ण बात साझा करते हुए बताया कि उत्तराखण्ड राज्य ने नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने शिक्षा के विभिन्न आयामों पर विचार करने और समाज, प्रदेश तथा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
कुलपति प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने भी विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में जानकारी साझा की और बताया कि विश्वविद्यालय में 14 विद्याशाखाओं के तहत 94 पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने गांवों में शिक्षा और कम्प्यूटर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उनके द्वारा गोद लिए गए 5 गांवों पर भी प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी वंदना, प्रो. दुर्गेश पंत, आरसी बिन्जोला, सिटी मजिस्टेट एपी बाजपेयी, उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा, सहित विश्वविद्यालय के समस्त शाखाओं के निदेशक, प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।