हल्द्वानी। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कुमाऊँ दिवस समारोह ऊँचापुल स्थित श्री राम वाटिका में धूमधाम के साथ मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि मेजर जनरल इंद्राजीत सिंह बोरा (विशिष्ट सेवा मेडल) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया, जबकि कोषाध्यक्ष ने आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। कैप्टेन पुष्कर सिंह भंडारी ने कुमाऊँ रेजिमेंट के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया।
समारोह के दौरान बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं – पार्वती देवी, विमला देवी, शांति हरबोला, बच्ची देवी, हेमा देवी, चंद्र कला, प्रेमा डोरबी, मुन्नी पैनरू और जीवनती देवी को शॉल ओढ़ाकर और लक्ष्मी तथा गणेश जी की मूर्ति देकर सम्मानित किया गया।
प्रकाश डिफेन्स अकादमी के बच्चों ने राष्ट्रभक्ति के गानों के साथ कुमाऊनी गानों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।
जनरल बोरा ने गौरवान्वित सेनानियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने देश सेवा कर घर वापसी की है, अब उन्हें समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और अनुशासित रहने का अपील की। उन्होंने उत्तराखंड के विकास में अपनी भूमिका का महत्व बताया।
कार्यक्रम के समापन पर कुमाऊँ रेजिमेंट की बैंड ध्वनि में “खोलदे माता खोल भवानी” गाने पर सभी पूर्व सैनिक तथा उनके परिवार ने धूमधाम से थिरका। सम्मेलन में कर्नल सी के चौधरी, कर्नल जी एस दानू, कर्नल के एस मेहता, मेजर के एस महर, कैप्टेन नरेंद्र सिंह कार्की, कैप्टेन खिलानंद चिलकोटी, कैप्टेन खुशाल सिंह रावल, पूर्व सूबेदार एवं निवर्तमान पार्षद गोविंद सिंह बढ़ती सहित सैकड़ों पूर्व सैनिक अपने परिवारों के साथ उपस्थित थे।