करारा व्यंग्य“जब रंगमंच ने दिखाया – बेरोज़गारी की मार और सत्ता का अहंकार”

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हल्द्वानी – राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, शैलनट और आनंदा अकादमी की ओर से आयोजित 30 दिवसीय अभिनय एवं नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन रविवार को मेडिकल कॉलेज सभागार में भव्य रूप से हुआ। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों ने अपनी मेहनत और हुनर से तैयार दो नाटकों – ‘जी लो ज़िंदगी’ और ‘राजा मूंछों सिंह’ का मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मेयर गजराज सिंह बिष्ट, लालकुआं विधायक मोहन सिंह बिष्ट और वरिष्ठ रंगकर्मी श्रीश डोभाल सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

चंदन बिष्ट निर्देशित नाटक ‘जी लो ज़िंदगी’ (निकोलाई एर्डमैन की रचना से प्रेरित) ने बेरोजगारी और निराशा से जूझते व्यक्ति की कहानी को हास्य-व्यंग्य के माध्यम से जीवंत किया। इसमें अथर्व नेगी, मनोज जोशी, आशा पांडे, योगिता भंडारी, शैली शाह, गौरव जोशी, हर्षिता रौतेला, संस्कृति लोहनी, राजीव कुमार शर्मा और आहाना जोशी ने अपनी प्रभावी भूमिका से दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।

वहीं, रचना बिष्ट द्वारा निर्देशित ‘राजा मूंछों सिंह’ ने मूंछों के अहंकार में डूबे राजा की कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया कि असली शान अच्छे कर्म और राजधर्म निभाने में है। इस प्रस्तुति में मयाली पांडे, ज्योति जीना, गुंजन अधिकारी, नवेन्दु जोशी, तेजश्वनी, गार्गी बिष्ट, ध्रुव लोहनी, प्रथमेश पलड़िया और भव्या जोशी ने प्रमुख भूमिकाएं निभाईं।

शैलनट के कला निदेशक डॉ. डीएन भट्ट ने दर्शकों के उत्साह और कलाकारों के प्रदर्शन पर खुशी जताई। इस अवसर पर भूपेंद्र बिष्ट, राजीव कुमार शर्मा, डॉ. दीपक मेहता, गौरव जोशी और ललित सहित बड़ी संख्या में रंगप्रेमी उपस्थित रहे।

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