मानव एकता दिवस: निःस्वार्थ सेवा का अनुपम संकल्प

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हल्द्वानी। प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता ‘मानव एकता दिवस’, हर वर्ष 24 अप्रैल को बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में संत निरंकारी मिशन द्वारा श्रद्धा और आध्यात्मिकता से भरी वातावरण में मनाया जाता है। यह दिवस मानवता, सौहार्द और एकत्व की भावना का प्रतीक है।

इस अवसर पर हल्द्वानी में संत निरंकारी सत्संग भवन, गौजाजाली, बरेली रोड पर एक विशाल सत्संग का आयोजन किया गया। आयोजन में हल्द्वानी ब्रांच के इंचार्ज श्री आनंद सिंह नेगी जी ने संबोधित करते हुए कहा कि युगदृष्टा बाबा गुरबचन सिंह जी ने सत्य बोध के माध्यम से अंधविश्वास और कुरीतियों से समाज को मुक्त करने के लिए कई लोक-कल्याणकारी अभियानों की शुरुआत की। उन्होंने रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बनाने का संदेश दिया, जिसे बाबा हरदेव सिंह जी ने आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि मानव एकता दिवस के अवसर पर पूरे देश में रक्तदान की प्रेरक श्रृंखला आरंभ की जाती है, जो समर्पण और सेवा की भावना को जागृत करती है। यह दिन चाचा प्रताप सिंह जी सहित उन सभी बलिदानी संतों की पुण्य स्मृति का प्रतीक है जिन्होंने अपने जीवन को मानव एकता और सेवा के लिए अर्पित किया।

संत निरंकारी हेल्थ सिटी की मेडिकल डाइरेक्टर गीतिका दुग्गल ने बताया कि इस वर्ष संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा भारतभर में 500 से अधिक ब्रांचों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। विशेष रूप से दिल्ली के शिविर में लगभग 1,000 यूनिट रक्तदान किया गया।

इन शिविरों में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी और एम्स, डॉ. राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग जैसे प्रमुख अस्पतालों की विशेषज्ञ टीमों ने भाग लिया। उन्होंने रक्तदाताओं के लिए स्वास्थ्य जांच और उत्तम जलपान व्यवस्था की भी देखरेख की।

यह महाअभियान केवल रक्तदान नहीं है, बल्कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की करुणा और सेवा के संदेश को जीवन में उतारने का माध्यम है, जो हमें मानवता की सर्वाेच्चता का पाठ पढ़ाता है। संत निरंकारी मिशन इस प्रेरणा से सभी को सेवा और समर्पण के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।

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