उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश में अभी तक छात्र संघ के चुनाव नही कराए जाने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश की एकलपीठ ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर की तिथि नियत की है। ममले के अनुसार किशन सिंह ने याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी विवि. सितंबर माह तक एडमिशन पूरा करके छात्र संघ का चुनाव सम्पन्न करा लें। लेकिन कई विवि ने अक्टूबर माह तक तो छात्रों के एडमिशन कराए हैं, सितंबर माह में चुनाव कैसे हो सकते है। यह आदेश गलत है इसपर रोक लगाई जाय।
राज्य सरकार ने लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट , सर्वोच्च न्यायलय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है। सर्वोच्च न्यायलय के दिशा निर्देश ,लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट व यूजीसी की नियमावली में स्पस्ट कहा गया है कि हर विश्वविद्यालय का अपना एक शैक्षणिक कलेंडर होगा उसी के आधार पर सभी कार्यक्रम निर्धारित होंगे।
एडमिशन होने के आठ सप्ताह के बाद छात्र संघ के चुनाव भी होंगे। यहां राज्य सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट, यूजीसी के नियमो व विश्वविद्यालय के नियमावली का उल्लंघन करके एक आदेश पारित कर दिया। सितंबर माह तक चुनाव कराने की तिथि तक नियत कर दी। जब अकटुबर माह तक एडमिशन हुए है तो सितंबर में बिना छात्रों के चुनाव कैसे सम्भव। राज्य सरकार को यह पावर नही है कि वह किसी भी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कलेंडर निर्धारित करे। यह केंद्र सरकार, यूजीसी को है।