हाईकोर्ट ने विधायक संजय डोभाल की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यमुनोत्री से निर्दलीय विधायक संजय डोभाल, उनके भाई व बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल सहित 148 समर्थकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए, सुप्रीम कोर्ट के अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य मामले में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप जांच में पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिका को निस्तारित कर दिया गया।

मामला 6 सितंबर को तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो के प्रसारित होने के बाद विरोध स्वरूप यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, नौगांव ब्लॉक प्रमुख के पति अजवीन पंवार और अन्य समर्थकों ने बड़कोट में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया।

इस प्रदर्शन के चलते हाईवे कई घंटों तक बाधित रहा, जिससे स्थानीय लोगों और चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बड़कोट थाना पुलिस ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए विधायक संजय डोभाल समेत 22 नामजद और लगभग 150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों पर सार्वजनिक शांति भंग करने, अवरोध उत्पन्न करने और यातायात व्यवस्था को बाधित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पुलिस द्वारा जारी की गई नामजद सूची में विधायक डोभाल, नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, अजवीन पंवार, वासुदेव डिमरी, कपिल रावत, रविन्द्र रावत, सचिन राणा, चेतन सिंह रावत, आनन्द सिंह रावत, बृजमोहन सिंह राणा, भगत राम बहुगुणा, सुमित रावत, जगमोहन सिंह, प्रवीन चौहान, गोबिन्द सिंह रावत, सभासद संजीव राणा, मुकेश, विकास जयाड़ा, सुलभ डिमरी, कृष्णपाल सिंह, आशीष, सुरेश असवाल, प्रदीप जयाड़ा, सौरभ रावत, रमित रावत और यशवंत रावत जैसे नाम प्रमुख हैं।

विधायक संजय डोभाल और उनके समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने उनके एक समर्थक को रात करीब साढ़े 11 बजे घर से जबरन उठा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह सत्तापक्ष के इशारों पर चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालु बारिश और अन्य प्राकृतिक बाधाओं के बीच परेशान हो रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही।

हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओं को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया अरनेश कुमार प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही की जाए।

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