उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के मंगल पड़ाव से रोड़वेज बस स्टेशन तक सड़क सौन्दर्यकरण और चौड़ीकरण की जद में आ रहे कई व्यपारियो की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वो सड़क के मध्य से चौड़ीकरण की जद में आ रही उन सभी दुकानों की दूरी मीटर में बताएं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई 17 अक्टूबर तक चार्ट सहित सूचित करने को कहा है। खंडपीठ ने यह भी कहा है कि जो अतिक्रमण की जद में आ रहे है उन्हें लाल रंग और जो नही आ रहे हैं उन्हें हरे रंग से चार्ट में दर्शाकर दें।
न्यायालय ने डिमोलिशन पर लगी रोक को अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व के आदेश पर सरकार ने सर्वे कर रिपोर्ट पेश कर दी है। ये वे दुकानदार हैं जो रोड के चौड़ीकरण की जद में आ रहे है।
रोड चौड़ीकरण नोटिस के मुताबिक रोड के बीच से 12 – 12 मीटर लेफ्ट व राइट रोड चौड़ी होनी है। लेकिन ये दुकानें 12 मीटर के भीतर आ रही हैं, इसलिए इन्हें हटाना आवश्यक है।
वहीं नगर निगम की तरफ से कहा गया कि निगम ने चौड़ीकरण की जद में आ रहे व्यवसायियों के लिए व्यवसाय चलाने के लिए अस्थायी व्यवस्था की जा रही है। जब निगम का शॉपिंग कॉम्प्लैक्ष बन जायेगा तो उन्हें वहाँ शिफ्ट किया जाएगा।
मामले के अनुसार हल्द्वानी में मंगल पड़ाव से लेकर रोडवेज स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे 17 भवन स्वामियों और व्यवसायियों द्वारा उच्च न्यायालय में अलग अलग याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम व लोक निर्माण विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर 4 अगस्त तक चिन्हित अतिक्रमण को स्वयं हटाने को कहा था।