हल्द्वानी में रेलवे जमीन पर बड़ी कार्रवाई,अतिक्रमण चिन्हित,धार्मिक स्थल भी शामिल

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हल्द्वानी: शहर के जवाहर नगर क्षेत्र में मंगलवार को रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन, रेलवे, राजस्व एवं वन विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की। यह अभियान केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के विकास और विस्तार की तैयारी के अंतर्गत चलाया गया। कार्रवाई के दौरान टीम ने रेलवे की भूमि पर किए गए 90 से अधिक अतिक्रमणों को चिन्हित करते हुए उन पर लाल निशान लगाए।

इस कार्रवाई की अगुवाई हल्द्वानी के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) राहुल शाह ने की। उन्होंने बताया कि रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों की सूची तैयार की जा रही है और उन्हें नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।

अवैध कब्जों में आवास, धार्मिक स्थल और शेड शामिल

जांच में सामने आया कि चिन्हित अतिक्रमणों में आवासीय भवन, अवैध निर्माण, एक मस्जिद और एक मजार शामिल हैं। इसके अलावा, कई अस्थायी शेड और ढांचों को भी अवैध रूप से खड़ा किया गया था।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह भूमि रेलवे की संपत्ति है, और विकास योजनाओं के लिए इसका मुक्त रहना अनिवार्य है।

स्टांप पेपर के माध्यम से सरकारी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त

जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया कि कुछ स्थानीय लोगों ने स्टांप पेपर के माध्यम से सरकारी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त की है। एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है और यदि आवश्यक हुआ, तो एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

प्रशासनिक और रेलवे अधिकारी रहे मौजूद

इस कार्रवाई में रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर गिरजेश कुमार, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, तहसीलदार कुलदीप पांडे और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल रहे।

प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि चिन्हित अतिक्रमणों को हटाने के लिए जल्द ही विधिवत अभियान चलाया जाएगा। जिन लोगों ने अवैध रूप से रेलवे की जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें **सुनवाई का अवसर दिया जाएगा, लेकिन यदि वे स्वेच्छा से कब्जा नहीं हटाते, तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।

रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की यह मुहिम हल्द्वानी शहर के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अमृत योजना के तहत रेलवे स्टेशन के विस्तार और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के लिए यह भूमि आवश्यक है। प्रशासन का कहना है कि यह अभियान केवल हल्द्वानी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आगे अन्य अतिक्रमित रेलवे क्षेत्रों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

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