हल्द्वानी। हल्द्वानी में आज विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं भीम आर्मी के नेतृत्व में शहर के ताज चौराहे का नाम बदलने एवं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब के नाम पर स्थापित करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन महापौर को संबोधित था, जिसमें कहा गया कि शहर में कई जगहों के नाम बदले गए हैं, उसी क्रम में ताज चौराहे का नाम भी पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव नगर निगम के पास पारित हुआ था।
ज्ञापन में कहा गया कि ताज चौराहे पर नाम बदलने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर फ्लेक्सी, बैनर और फूलों से सजावट भी कर दी गई थी। हालांकि, कार्यक्रम से कुछ ही देर पहले बिना किसी औपचारिक घोषणा के उक्त नामकरण को रद्द कर दिया गया और नाम से जुड़ी फ्लेक्सी व पोस्टर को बेरहमी से फाड़ दिया गया। इससे न केवल डॉ. कलाम का अपमान हुआ है, बल्कि उनकी स्मृति का भी अपमान किया गया है। यह कार्यवाही शहर के प्रबुद्ध नागरिकों और उनके समर्थकों को गहरी चोट पहुंचाने वाली है।

महोदय, ज्ञापन में कहा गया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न सहित पद्म पुरस्कारों से सम्मानित है। उन्होंने भारत के लिए मिसाइल तकनीक विकसित की और देश के सर्वोच्च पद पर रहकर राष्ट्र सेवा की। उनका जीवन समाज सेवा और सादगी का उदाहरण है, जिसके चलते वह पूरे देश में सम्मानित हैं। उनकी मृत्यु के बाद भी उनके पास केवल कुछ वस्त्र एवं जूते ही मिले थे, जो उनके सरल एवं समाजसेवी जीवन का प्रमाण हैं।
ज्ञापन में महापौर से अनुरोध किया गया कि शहर की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ताज चौराहे का नाम पुनः डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाए। साथ ही, उनकी प्रतिमा स्थापित करवाई जाए ताकि उनके प्रति सम्मान एवं श्रद्धा प्रकट किया जा सके। संगठन के प्रतिनिधियों में बीएल आर्य, जीआर टम्टा, राजेश राज, दीपक चनियाल, सुंदरलाल बौद्ध, आरपी गंगोला, सिराज अहमद, नफीस अहमद खान, विकास कुमार चौहान, लक्ष्मी नारायण, हरीश कुमार लोधी, जीवन आर्य, पीआर टम्टा, आरएस कुटियाल, जगदीश चंद्र आर्य, फिरोज खान सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।
