पहाड़ी आर्मी के जिला नैनीताल इकाई ने हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी उन्होंने कहा 30 तारीख को विवेक शर्मा नाम के फेसबुक यूजर ने पहाड़ी समाज को उनके अस्तित्व को ललकारते हुए कहा कुमाऊनियों को अपने पांच पीडिया का पता नहीं है यह शब्द कुमाऊं के गौरवशाली इतिहास का अपमान करना है इससे हमारे समाज की भावनाओं को आघात पहुंचा है और कुमाऊनियों के हजारों साल के इतिहास को चुनौती दी है।
ऐसे व्यक्ति जो खुद बाहर से आकर कुमाऊं में निवास कर रहा है और हमारे ही अस्तित्व पर सवाल खड़े कर समाज को बांटने का काम कर रहा है जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल ने कहा यह हमारे कुमाऊनी समाज के वैभवशाली कत्युरी वंश,चंद वंश के गौरवशाली इतिहास का हमारे कुल देवी नंदा सुनंदा,कुल देवी जिया रानी, ईष्ट देव गोलज्यू महाराज का अपमान है।
ऐसे व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई करें तहरीर में कहा गया है यदि इस व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई नहीं होगी तो कुमाऊनी समाज के लोग स्वयं ऐसे तुच्छ मानसिकता के लोगों से निपटने के लिए सकड़ो में आएंगे इस दौरान नगर अध्यक्ष फौजी भुवन पांडे,भगवन्त सिंह राणा,कविता जीना गीता बिष्ट फौजी राजेंद्र कांडपाल हरेंद्र राणा विनोद नेगी दीपक गोस्वामी अंजू पांडे आदि मौजूद रहे।
पहाड़ी आर्मी ने जातिवाद फैलाकर लोगो को भड़काकर समाज मे विवाद की िस्थति बनाई…
हल्द्वानी में चल रहे गणेश महोत्सव मे विसर्जन को लेकर लेकर पहाड़ी आर्मी ने विरोध किया और आयोजन समिति को बाहर से भागकर यहाँ बसे है ऐसा कहकर हल्द्वानी की फिजा बिगड़ने की कोशिश की है 23 वर्ष से कर रहे गणेश महोत्सव वैश्य महासभा हल्द्वानी एवं प्राचीन शिव सेवा समिति के आचार्य व प्राचीन राम मंदिर के व्यवस्थापक पंडित विवेक शर्मा ने सोशल मीडिया में उनके विरोध का प्रतिउत्तर किया उनके वीडियो से 10 सेकंड की वीडियो काटकर कुमाऊं के लोगों को भड़काया जिससे विवेक शर्मा के परिवारजन जो स्वयं कुमाऊं से है
एवं नगर की कई धार्मिक संस्थाओं में आक्रोश है।
उनका कहना है पहाड़ी हिंदू कोई शब्द नहीं हुआ भारत में जितने हिंदू रहते हैं सब सनातनी हिंदू हैं ऐसा मतभेद करके वह समाज में फूट डाल रहे हैं।
फेसबुक में कुमाऊं के प्रसिद्ध कथा वाचक
सुरेश बहुगुणा तत्व गुरु, बसंत वल्लभ त्रिपाठी, नवीन चंद जोशी, आदि ने समर्थन दिया और कहा ज़ब आह्वाहन होता है तो विसर्जन भी होता है 23 साल पहले नहीं होता था प्रदेश में किन्तु सनातनी प्रथा है अब हो रहा है लोग जुड़ रहे है यह सकारात्मकता है सभी को सम्मिलित होना चाहिए और मर्यादित ढंग से आह्वान विसर्जन दोनों होने चाहिए।