हल्द्वानी। मसालों के लिए खरीदार-विक्रेता बैठक जो कि मसाला बोर्ड द्वारा आयोजित की गई थी। होटल ब्लू सैफायर काउंसाइड हल्द्वानी में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस आयोजन का उद्देश्य उत्तराखंड के मसाला किसानों को निर्यातकों से जोड़ना और सीधे बाजार संबंधों को बढ़ावा देना था।
इस बैठक में लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें किसान उत्पादक संगठन kuss के अध्यक्ष व कोडिनीटर राहुल अग्रवाल, सचिव मयंक बोरा, ग्राम प्रधान चिराग बोरा और अन्य कई एफपीओ, किसान, प्रोसेसर, व्यापारी और निर्यातक शामिल थे। प्रदर्शनी में एफपीओ, सरकारी विभागों और सहयोगी संगठनों के स्टॉल लगे थे, जिनमें कटाई के बाद की प्रक्रियाओं, गुणवत्ता मानकों और उपलब्ध सरकारी योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
उत्तराखंड जो अपनी विविध मसाला उत्पादन के लिए जाना जाता है। में तेजपत्ता, अदरक, लहसुन, हल्दी और मिर्च जैसी मसालों की खेती 17,242 हेक्टेयर में की जाती है, जिससे प्रति वर्ष 70,610 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। राज्य ने 2023-24 में ₹973.41 लाख के मूल्य के 311.41 मीट्रिक टन मसालों का निर्यात किया, जिसमें करी पाउडर, मिर्च, धनिया और लहसुन का महत्वपूर्ण योगदान था।
इस आयोजन में राज्य के जीआई-टैग किए गए मसालों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें मीठा तेजपत्ता (तेजपत्ता) और अल्मोड़ा लखौरी मिर्च शामिल हैं, जो क्षेत्र की कृषि पहचान के लिए महत्वपूर्ण हैं।