हल्द्वानी। उत्तराखंड देवभूमि ट्रक ऑनर्स महासंघ द्वारा यातायात नगर में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें छह सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में वक्ताओं ने पर्वतीय क्षेत्र में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्टों, चाहे वे राज्य सरकार के हों या केंद्रीय, में ओवरलोडिंग की गंभीरता को उजागर किया।
वक्ताओं ने बताया कि ओवरलोडिंग के कारण न केवल सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है, बल्कि इससे सरकारी संपत्तियों और पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। यह भी बताया गया कि वाहन स्वामियों को आए दिन विभिन्न चालान के रूप में बड़ा आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
महासंघ ने सरकार से मांग की कि जो वाहनों को तीन बार ओवरलोडिंग करते हुए पकड़ा जाए, उन्हें चौथी बार पकड़े जाने पर परमिट निस्तारण की प्रक्रिया लागू की जाए। इसके साथ ही, महासंघ ने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड के वाहन स्वामियों को 25% जीवीडब्ल्यू की छूट देने की भी मांग की।
बैठक में यह भी प्रस्तावित किया गया कि पर्वतीय क्षेत्र में आने वाले मैदानी वाहनों पर 16200 जीवीडब्ल्यू (6 टन) से ऊपर के प्रबंध को स्थानीय वाहन स्वामियों के ऊपर से हटाया जाए। अंत में, महासंघ ने पर्वतीय क्षेत्र में मुख्य रास्तों पर कटे लगाने की मांग की, जिससे ओवरलोडिंग पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
इस बैठक में महासंघ के अध्यक्ष राकेश जोशी, बागेश्वर अध्यक्ष कैप्टन कुंदन सिंह, हल्द्वानी अध्यक्ष प्रकाश रावल, भास्कर जोशी, गिरीश मलकानी, हरजीत चढ़ा, दया शंकर शर्मा, ललित पाठक, राजेश न्यूलिया, ललित मोहन शर्मा, हरिश मेहता, वीरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, नवीन पेंट, रोहित रौतेला, हरि जोशी, महावीर सिंह गढ़िया और अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।