उत्तराखंड में मॉनसून कहर बनकर बरस रहा है। बुधवार को भी प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। मौसम विभाग ने देहरादून, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट प्रभावी है। भारी बारिश के चलते पहाड़ों में भूस्खलन और सड़कों पर मलबा गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
पर्वतीय मार्गों पर भूस्खलन, नैनीताल-भवाली रोड बंद
नैनीताल जनपद में भवाली मार्ग पर पहाड़ी दरकने से सड़क पर भारी मलबा जमा हो गया है। सुरक्षा को देखते हुए नैनीताल से भवाली आने-जाने वाले वाहनों को ज्योलीकोट मार्ग से डायवर्ट किया गया है। लगातार मलबा गिरने से क्षेत्र में खतरा बना हुआ है।
486 सड़कें ठप, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी परेशानियां
राज्य में भारी बारिश के कारण 486 सड़कें बंद हो गई हैं। इनमें,,
- 8 राष्ट्रीय राजमार्ग
- 35 राज्य मार्ग
- 21 मुख्य जिला मार्ग
- 127 ग्रामीण मार्ग
शामिल हैं। जिलेवार बात करें तो पौड़ी (67), टिहरी (34), चमोली (59), रुद्रप्रयाग (51), उत्तरकाशी (63)जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
गोपेश्वर में भू-धंसाव, मकान-दुकानों पर खतरा
चमोली जनपद के गोपेश्वर क्षेत्र में भू-धंसाव की स्थिति गंभीर होती जा रही है। फुल स्टार ब्रह्मसैन इलाके में करीब 150 मीटर क्षेत्रफल में जमीन धंस रही है। बीते दो दिनों में लगभग 5 मीटर तक की धंसान दर्ज की गई है, जिससे दुकानों और आवासीय भवनों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
मलारी हाईवे पर जलप्रलय का खतरा
ज्योर्तिमठ क्षेत्र में मलारी हाईवे पर स्थित यमक गधेरा उफान पर है। इससे धौलीगंगा का अवरुद्ध प्रवाह तेज़ी से बहने लगा है, जो निचले क्षेत्रों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
कई जिलों के स्कूलों में छुट्टी, तापमान में गिरावट
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए चंपावत, नैनीताल, चमोली समेत पांच जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही लगातार बारिश की वजह से तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है। खासकर पर्वतीय जिलों में अगले 48 घंटे अत्यंत संवेदनशील माने जा रहे हैं।
सावधानी ही सुरक्षा –
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जरूरी न हो तो यात्रा से बचें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे लोगों की मदद के लिए लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई की टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।