हल्द्वानी, नैनीताल। अपनी संस्कृति लोक एवं सामाजिक संस्था की पहल पर, उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से “उत्तराखंड कल्चरल फेस्टिवल” कार्यशाला का आयोजन भरतपुर, कमलुवा गांजा में किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश पंत (AWPL) और हरीश चंद्र जोशी रहे, जिन्होंने दीप प्रज्वलित कर इस समारोह का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उद्घोषक हेमंत बिष्ट ने किया। अतिथियों का स्वागत चंदन मेहरा, हेम चन्द्र शर्मा, और महेन्द्र भैसौड़ा ने बैच माल्यार्पण और प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया।

संगीत निर्देशन का कार्य लोक गायक चंदन मेहरा और महेंद्र सिंह भैसौड़ा ने संभाला। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद उत्तराखंड की प्रेरक परंपराओं पर आधारित लोक गीत और लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए।

लोक गायक चंदन मेहरा की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्तराखंड की पारंपरिक झोड़ा, छपेली, और चांचरी नृत्य के बीच नंदा राज जात झांकी की प्रस्तुति ने खास आकर्षण प्रदान किया, जिसे श्रोताओं ने भरपूर सराहा।

गायन में हरीश मेहरा, महेंद्र भैसौड़ा, हेम शर्मा, चंदन मेहरा, और जीतेंद्र तोमक्याल सहित कई कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नृत्य कलाकारों में सुभाष कंवल, हिमांशु मेवाड़ी, शुभम, दीक्षा तोमकियाल, दिव्या साह, और नेहा दास ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किए।

वाद्य कलाकारों में चंदन भाई (कीबोर्ड), अरशद अंसारी (तबला), सोनू (पैड), गुड्डे भाई (बांसुरी), और मोहन चंद जोशी (हुडका) ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम के समापन पर महेंद्र भैसौड़ा ने सभी अतिथियों, उत्तर-मध्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज, और संस्कृति मंत्रालय का दिल से आभार व्यक्त किया। यह आयोजन उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संग्रहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
