हल्द्वानी। उत्तराखंड के नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों के लिए ‘अमृत 2.0’ (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation 2.0) योजना के तहत दो दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ स्थित क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम 28 और 29 मई, 2025 को आयोजित किया गया, जिसमें उत्तराखंड के प्रमुख नगर पालिकाओं के महापौर, पार्षद और अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. निशीथ राय, निदेशक, अध्ययन केंद्र, और महापौर गजराज बिष्ट (हल्द्वानी-काठगोदाम) ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। पहले सत्र में डॉ. अल्का सिंह ने AMRUT 2.0 मिशन का विस्तृत परिचय देते हुए इसके उद्देश्य, दिशा-निर्देश और सुधार एजेंडा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह योजना शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के समग्र विकास को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। दूसरे सत्र में डॉ. एस. डी. सिंह ने जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्जीवन और वर्षा जल संचयन की आवश्यकताओं तथा कार्यान्वयन पर चर्चा की।
इस आयोजन में उत्तराखंड के विभिन्न नगर निकायों के 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें महापौर, पालिकाध्यक्ष और पार्षद शामिल थे। प्रमुख प्रतिभागियों में महापौर गजराज बिष्ट (हल्द्वानी-काठगोदाम), महापौर सौरभ थपलियाल (देहरादून), महापौर विकास शर्मा (रुद्रपुर), शैलेन्द्र रावत (कोटद्वार), और शहरी विकास विभाग की पीसीएस अधिकारी मुक्ता मिश्रा भी मौजूद रहीं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखंड में शहरी विकास के क्षेत्र में न केवल जनप्रतिनिधियों की भूमिका को सशक्त बनाने का प्रयास है, बल्कि प्रदेश की स्थायी और समावेशी शहरी योजनाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।