हल्द्वानी । उत्तराखंड प्रदेश ने 27 जनवरी 2025 से देश में पहली बार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी है, जो स्वतंत्र भारत में इस तरह का पहला राज्य बन गया है। इस ऐतिहासिक कदम का उद्देश्य विवाह और उत्तराधिकार जैसे मामलों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करना है, जिससे पुरुष और महिलाओं के प्रति समान व्यवहार को बढ़ावा मिले।
विधेयक 7 फरवरी 2024 को विधानसभा में पारित हुआ, जिसे बाद में 12 मार्च को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। 14 मार्च को सरकार ने इस कानून के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक नियमावली बनाने का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव और विशेष सचिव गृह के पद पर तैनात आईजी कुमाऊं रेंज रिधिम अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लगभग एक साल चली मेहनत के बाद इन नियमावली को तैयार किया गया और फिर कार्मिकों को प्रशिक्षण देकर इसे धरातल पर उतारा गया।

इसी क्रम में, कुमाऊं रेंज की पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल ने पदभार ग्रहण करते ही सभी जनपदों के प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे प्राथमिकता से विवाह पंजीकरण का कार्य सुनिश्चित करें। इसके लिए प्रत्येक जनपद में पुलिस लाईन, थाने, ईकाइयों एवं शाखाओं में कैम्प लगाकर यूसीसी पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण करने के निर्देश दिए। प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है, ताकि इस प्रक्रिया का प्रभावी संचालन हो सके।
अब तक, 17 मई 2025 तक कुमाऊं रेंज के कुल 3,212 अधिकारियों और कर्मचारियों में से 3,071 ने विवाह पंजीकरण कराया है, जो कुल रजिस्ट्रेशन का 95.61 प्रतिशत हिस्सा है। जनपदवार विवरण इस प्रकार है:
- अल्मोडा: 308 में से 302 (98.05%)
- बागेश्वर: 219 में से 212 (96.80%)
- चम्पावत: 299 में से 289 (96.66%)
- नैनीताल: 925 में से 902 (97.51%)
- पिथौरागढ़: 350 में से 333 (95.14%)
- ऊधमसिंह नगर: 1088 में से 1010 (92.83%)
- परिक्षेत्रीय कार्यालय: 23 में से 23 (100%)
आईजी कुमाऊं रेंज ने अवगत कराया कि कुछ कार्मिक आधार कार्ड में सुधार, पारिवारिक विवाद, स्वास्थ्य समस्याओं या विदेश में रहने जैसी वजहों से अभी तक पंजीकरण नहीं कर पाए हैं। उन्होंने प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि इन कार्मिकों की व्यक्तिगत समस्याओं का निराकरण कराकर उन्हें जल्द से जल्द पंजीकरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
आखिर में, आईजी ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अपनी सुविधा के लिए यूसीसी पोर्टल पर अपना पंजीकरण अवश्य कराएं, ताकि कानूनी प्रक्रिया में आसानी हो सके।