सुप्रीम कोर्ट का आरक्षण में वर्गीकरण पर ऐतिहासिक फैसला, वंचित समाज को मिलेगा लाभ : आशु पंडालिया

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हल्द्वानी। 1 अगस्त 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट की 7 न्यायाधीशों की बेंच ने आरक्षण में वर्गीकरण के विषय पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण आवश्यक है ताकि वंचित उपजातियों को लाभ मिल सके, जिससे उनका विकास हो सके और वे मुख्य धारा में भागीदारी कर सकें।

इस फैसले के विरोध में कुछ अनुसूचित जातियों की विकसित उपजातियों ने आरक्षण समाप्त करने की मांग की, जिसके कारण वंचित समाज में रोष उत्पन्न हो गया। इन उपजातियों ने आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर खारिज करते हुए इस बात को स्पष्ट किया कि आरक्षण में वर्गीकरण वंचित समाज के लिए अत्यंत जरूरी है। कोर्ट ने किसी भी प्रकार की आगे सुनवाई करने से भी इनकार किया।

इस निर्णय के बाद अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत उत्तराखंड के प्रदेश महासचिव आशु पंडालिया ने माननीय सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण से वंचित समाज, जिसमें वाल्मीकि समाज भी शामिल है, को लाभ मिलेगा, और इससे समाज का विकास एवं उत्थान होगा।

पंडालिया ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस फैसले को समस्त देश में लागू करने की अपील करते हुए उत्तराखंड की धामी सरकार से भी आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वंचित समाज सदैव आपके आभारी रहेगा।

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