पर्युषण पर्व के पावन अवसर पर नेमीनाथ भगवान के मस्तक परशांति धारा की गई

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हल्द्वानी। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में विगत 4 दिन से चल रहे पर्युषण पर्व के पावन अवसर पर पंचम दिवस उत्तम सत्य के दिन मंदिर में प्रातः देवाधिदेव श्री 1008 नेमिनाथ भगवान के मस्तक पर अभिषेक और शांतिधारा की गई। इसके बाद श्री को अर्घ समर्पित किये गये सांगानेर जयपुर से पधारे विद्वत कुशाल जैन शास्त्री ने सायं कालीन प्रवचन में बताया की आज उत्तम सत्य के दिन हमें हमारे अंदर छिपे झूठ को नष्ट करके उत्तम सत्य धर्म को स्वीकार करके संयम धर्म की प्राप्ति करनी है भैया ने बताया उत्तम सत्य धर्म को हम एक पंक्ति में समझे तो कम बोलो अच्छा बोलो इसका नाम सत्य है।

हमे किसी को बुरे वचन नहीं कहना चाहिए और सभी से मिल जुल कर प्रेम भाव से रहना चाहिए। और जिस दिन हमारे अंदर यह परिणाम आ गए उस दिन हमारे जीवन में उत्तम सत्य धर्म प्रगट हो जाएगा और हम परम सिद्धतव पद कि प्राप्ति कर लेंगे। प्रवचन के पश्चात मंदिर में जैन हाउजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिस्मे लोगो ने भाग लेकर आनंद लाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर समाज के श्रावक और श्राविकागण उपस्तिथ थे।

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