दमुवाढूंगा क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर जिलाध्यक्ष से मिले स्थानीय लोग, विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाने का आरोप

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हल्द्वानी। दमुवाढूंगा क्षेत्र के 643 एकड़ आवासीय और कृषि भूमि के विषय में सरकारी कब्जा लेने के मामले में विपक्ष द्वारा क्षेत्रवासियों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप सामने आया है। विपक्ष का आरोप है कि प्रशासन अवैध रूप से कृषि भूमि पर कब्जा कर रहा है, लेकिन क्षेत्रवासियों का दावा है कि यह पूरी तरह से गलत है।

इस संबंध में बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट से मुलाकात कर क्षेत्रवासियों ने अपनी समस्याएँ प्रस्तुत कीं। जिलाध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी हल्द्वानी से दूरभाष पर संवाद किया और दमुवाढूंगा क्षेत्र के मालिकाना हक के संबंध में प्रगति रिपोर्ट मांगी। उपजिलाधिकारी ने बताया कि मालिकाना हक प्राप्त होने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, जिससे लगभग 25,000 लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आवासीय और कृषि भूमि को चिन्हित कर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

उपजिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री महोदय द्वारा उत्तराखंड सरकार की घोषणा के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम से कोई भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। दमुवाढूंगा वासी एकजुट हैं और अपनी भूमि का रक्षण स्वयं करने में सक्षम हैं। क्षेत्रवासियों ने विपक्ष के सहयोग की आवश्यकता से इनकार किया है।

इस मुलाकात में प्रमुख रूप से हृदयेश कुमार, महेश जोशी, विजय चंद्र, अरुण कुमार, पनराम, मुन्ना शुक्ला सहित कई स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। क्षेत्रवासियों का कहना है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और किसी भी स्थिति में अपने क्षेत्र का संरक्षण करेंगे।

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