हल्द्वानी। कुमाऊँनी ऐपण करवाचौथ में सुहागिनों के लिए उत्तम फल प्रदान करने वाली है। ऐसा विश्वास व्यक्त किया है कविता एरी ने।
ऐपण कुमाऊं से उत्पन्न एक स्थापित-अनुष्ठानवादी लोक कला है, यह कला मुख्य रूप से विशेष अवसरों, घरेलू समारोहों और अनुष्ठानों के दौरान की जाती।
यह कला पूजा कक्षों और घरों के प्रवेश द्वारों के फर्श और दीवारों पर अक्सर देखी जा सकती है। इसका अभ्यास भी ज्यादातर कुमाऊँनी महिलाओं द्वारा किया जाता है। कला के इस रूप का सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
करवाचौथ आने वाला है इसी सांस्कृतिक महत्व को आगे बढ़ाते हुए हल्दू पोखरा की रहने वाली कविता एरी ने थाल, कलश और दीपो आदि पर अपनी कला उकेरी है। तो आईए जानते हैं कविता ने कैसे इस ऐपण कला को सीखा और अब इसे अपने रोजगार से जोड़ा है। सैफअली सिद्दीकी इस खास रिपोर्ट_देखिए वीडियो..