हल्द्वानी। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने मंगलवार को जमरानी बांध परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने इस प्रोजेक्ट की महत्ता को बताते हुए कहा कि जब यह परियोजना पूरी होगी, तो कुमाऊं क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही पेयजल की समस्या का समाधान होगा, जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
आयुक्त रावत ने कहा कि गर्मी के मौसम में हल्द्वानी और आस-पास के क्षेत्रों में पेयजल की कमी को ध्यान में रखते हुए जमरानी बांध परियोजना महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना से न केवल हल्द्वानी के आस-पास के क्षेत्र, बल्कि उत्तर प्रदेश के बरेली तक जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
आयुक्त ने जानकारी दी कि 3700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला जमरानी बांध वर्ष 2029 में पूर्ण होगा। बांध की ऊंचाई लगभग 150 मीटर और लंबाई 10 किलोमीटर होगी। वर्तमान में 600 मीटर लंबी दो टनल का कार्य जारी है, जिसके माध्यम से जल का डाइवर्जन किया जा रहा है। यह कार्य 16 महीने में पूरा होने की संभावना है; इसके पश्चात बांध का निर्माण शुरू होगा।
आयुक्त ने मुख्यमंत्री के निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि बांध परियोजना की नियमित मॉनिटरिंग आवश्यक है और सभी विभागों में तालमेल का ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जमरानी बांध परियोजना के टेस्टिंग लैब और निर्माणाधीन कॉलोनी का भी दौरा किया।
इसके बाद, उन्होंने जमरानी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया, जहां उन्हें वार्डब्वाय संजय कुमार बिना छुट्टी की स्वीकृति के अनुपस्थित मिले। इस पर आयुक्त ने स्पष्टीकरण मांगा और महानिदेशक चिकित्सा को जांच के लिए पत्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शीघ्र चिकित्सक नियुक्त किए जाएंगे।
निरीक्षण के दौरान उप महाप्रबंधक बीबी पाण्डे, उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार, और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।