पढ़ने लिखने की संस्कृति को आगे बढ़ाने और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को चर्चा में लाने के उद्देश्य से निरंतर होते जा रहे आयोजनों की श्रृंखला में तीन दिवसीय “किताब कौतिक” का 11वां संस्करण ऐतिहासिक नगरी द्वाराहाट (जिला अल्मोड़ा, उत्तराखंड) में 50 हजार से अधिक किताबों के साथ 30 अगस्त से 1 सितंबर तक सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। बिपिन त्रिपाठी की पुण्यतिथि के अवसर पर उत्तराखंड राज्य की अवधारणा और राज्य बनाने के लिए किए गए संघर्ष को याद किया गया।
हैरिटेज वॉक, वैचारिक और साहित्यिक परिचर्चा, नेचर वॉक, 5 दिवसीय बाललेखन कार्यशाला, पुस्तक विमोचन, स्वास्थ्य परीक्षण, कैरियर काउंसलिंग, काव्य गोष्ठी और सांस्कृतिक संध्या जैसे कार्यक्रम बहुत व्यवस्थित रूप से संचालित हुए। और द्वाराहाट के हर आयुवर्ग के लोगों ने प्रत्येक गतिविधि में उत्साहपूर्वक हिस्सेदारी की।
कार्यक्रम की अनौपचारिक शुरुआत 5 दिवसीय बलप्रहरी बाल लेखन कार्यशाला के साथ 25 अगस्त को हुई। प्रसिद्ध बाल साहित्यकार उदय किरोला के निर्देशन में संपादित इस कार्यशाला में 10 स्कूलों के लगभग 70 बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पत्रिका तैयार की। साथ ही 5 दीवार अखबार, एक हस्तलिखित पत्रिका “द्वाराहाट दर्पण”, 1 नुक्कड़ नाटक, 2 समूह गीत भी बनाए। बच्चों ने “किताब कौतिक” के दौरान इन सभी कार्यों का प्रदर्शन किया।
द्वाराहाट किताब कौतिक के पहले दिन स्व. बिपिन त्रिपाठी की 20वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया। इसी दिन विषय विशेषज्ञों द्वारा द्वाराहाट के विद्यालयों में कैरियर काउंसलिंग की गई –
– जी आइ सी द्वाराहाट और कुमाऊं पब्लिक स्कूल – खगोल विज्ञानी डॉ. भुवन भट्ट और स्वरोजगार विशेषज्ञ चंदन डांगी
– यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल – त्रिभुवन बिष्ट (होटल मैनेजमेंट और अन्य कोर्स) और मंजू साह (हस्तशिल्प)
– विवेकानंद विद्या मंदिर – प्रदीप रिखाड़ी, मोहित तिवारी (फार्मा) और राजीव दुबे (लॉ कोर्सेज)
– एम डी स्कूल – लकी गुप्ता द्वारा एकल नाटक (मां मुझे टैगोर बना दे)
– द्रोण पब्लिक स्कूल – उदय किरौला (बाल गतिविधियां) और प्रकाश पांडे (कविता लेखन)
– द्वाराहाट इंटर कॉलेज (मिशन) – प्रसिद्ध कवि हरीश चंद्र पांडे और प्रकाश पांडे
– बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं इंजी. कॉलेज (महिला छात्रावास) – डॉ. भारती गहतोड़ी (युवावस्था के स्त्री रोग)
– जीजीआईसी में स्कीइंग में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक विजेता मेनका गुंज्याल (साहसिक खेलों के बारे में जानकारी)
30 अगस्त की शाम मुख्य मंच पर प्रसिद्ध रंगकर्मी लकी गुप्ता (जम्मू) द्वारा प्रभावशाली एकल नाटक “मां मुझे टैगोर बना दे” प्रस्तुत किया गया।
31 अगस्त को दूसरे दिन की शुरुआत सुबह सात बजे हैरिटेज वॉक से हुई। बाहर से आए अतिथियों को स्थानीय साथियों ने कत्यूरी काल में बने विशेष स्थापत्य के गुजरदेव मंदिर, कचहरी मंदिर समूह, बद्रीनाथ मंदिर और महा मृत्युंजय मंदिर आदि स्थानों का भ्रमण कराया।
आयोजन स्थल पुष्कर मैदान, मुख्य बाजार में हजारों किताबों, हस्तशिल्प , खगोलशास्त्र, स्थानीय उत्पाद, विज्ञान कोना और अन्य कई ज्ञानवर्धक स्टॉल्स के बीच स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर किताब कौतिक में सक्रिय भागीदारी करने वाले साथियों को मंच से अपने विचार रखने का अवसर मिला। पिरुल वुमेन के नाम से मशहूर मंजू साह और “लाटी आर्ट्स” से शशि जदली ने “हमारे परम्परागत हस्तशिल्प में आ रहे बदलाव” विषय पर वार्ता की। “युगमंच, नैनीताल के 50 साल” इस चर्चा में वरिष्ठ रंगकर्मी जहूर आलम और प्रदीप पांडे की विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। बिज्डम स्कूल, चौखुटिया के 100 बच्चों के सांस्कृतिक दल ने बेहतरीन कार्यक्रम पेश किया।
शाम के सत्र में पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल ने “हमारे लोकगीतों में प्रकृति चित्रण” पर गीत गाकर उदाहरण सहित प्रभावी तरीके से अपनी प्रस्तुति दी। उसके बाद सांस्कृतिक संध्या में युवा कलाकारों की “टीम घुघुति जागर” और बालकलाकार शिवांशु मेहता ने अपने गीतों पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
अंतिम दिन की शुरुआत 1 सितंबर को दूनागिरी मार्ग के जंगल में वन्यजीव विशेषज्ञ राजेश भट्ट के नेतृत्व में “नेचर वॉक” से हुई। भट्ट ने इस क्षेत्र की जैव विविधता पर अपनी बात रखी और पक्षी अवलोकन कराया। नैनीताल से आए मशरूम विशेषज्ञ प्रदीप पांडे ने जंगल में मिलने वाले मशरूम को पहचानने और पर्यावरण को बचाने जरूरत बताई। लोकगीतों के सामूहिक गायन के साथ नेचर वॉक का समापन हुआ।
आयोजन स्थल पर रविवार होने के कारण सुबह से ही स्टॉल्स पर भीड़ जुटने लगी। मुख्य मंच पर स्थानीय स्कूलों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच वैचारिक सत्र भी संचालित होते रहे। डॉ. हयात सिंह रावत ने “उत्तराखंड में लोकभाषाओं की स्थिति” पर अपने विचार रखे। इस सत्र में उनके साथ राजेंद्र ढैला और दीपक भाकुनी भी शामिल हुए। नैनीताल बैंक के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट पुष्कर भट्ट ने “मोबाइल से बैंकिग ठगी – कारण और उपाय” पर हेम पंत के साथ बहुत उपयोगी बातचीत की। डॉ . मंजूषा के संचालन में वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. भारती गहतोड़ी ने “पहाड़ में महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं” विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा की और उपस्थित लोगों के सवालों का जवाब भी दिया। रमेश चंद्र पंत और प्रयागराज से आए वरिष्ठ कवि हरीश चंद्र पांडे ने “हरीश चंद्र पांडे का रचना संसार” विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। इसके बाद ब्रह्मकुमारीज संस्था के बच्चों ने श्रीकृष्ण के जीवन पर एक भावपूर्ण नाटक प्रस्तुत किया। आखिरी सत्र में 32 कवियों ने रमेश चंद्र पंत और डॉ. नीरज नैथानी के संचालन के साथ बहुभाषीय कवि सम्मेलन में अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। सभी कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्रतियोगी परीक्षा में सहायक किताबें, बाल साहित्य, विज्ञान, विश्व साहित्य, धर्म – आध्यात्म, लोकप्रिय साहित्य सहित विभिन्न विधाओं की उपलब्ध किताबों में लोगों ने बहुत रुचि दिखाई। किताबों के अलावा विज्ञान कोना और उत्तराखंड के कलाकारों के हस्तशिल्प स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र बने रहे।
सैकड़ों साहित्यकार, प्रकाशक, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार, मीडियाकर्मी और हस्तशिल्पकार इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए द्वाराहाट पहुंचे। तीनों दिन सुबह से रात में कार्यक्रम के समापन तक शहर के साहित्यप्रेमियों अच्छी संख्या में उपस्थित रहे। समय साक्ष्य, अध्ययन घर, मुनस्यारी हाउस, ब्रह्मकुमारीज , बुक्स ट्री, हाम्रो नेपाली पुस्तकालय, पहरु कुमाऊनी पत्रिका, पहाड़ प्रकाशन, नैनीताल के स्टॉल्स पर किताबों और अन्य रुचिकर जानकारियों को लेकर भारी संख्या में लोग बने रहे। शिवालिक साइंस क्लब द्वारा दिखाए जा रहे विज्ञान के खेल, एस्ट्रोवर्स, नैनीताल तथा नक्षत्र, अल्मोड़ा द्वारा दी गई एस्ट्रोनॉमी की जानकारी स्कूली बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक थी। डॉ. भुवन भट्ट ने खगोल विज्ञान के कई रहस्य बच्चों को बताए। मंजू शाह, जया वर्मा, शशि जदली , प्रकाश जोशी और यामिनी पांडे की हस्तशिल्प कला, स्थानीय उत्पादों को भी खूब सराहना मिली। आधुनिक मशीनों द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। 25 से 29 अगस्त तक हुई बाललेखन कार्यशाला में तैयार की गई साहित्यिक रचनाओं का स्टाल भी बहुत पसंद किया गया। विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र प्राप्त दिए गए। मंच संचालन नवीन पंत, शंकर तिवारी, डॉ. दीपक मेहता, अनिल चौधरी, गिरीश मठपाल, लक्ष्मी चंद्र त्रिपाठी, दीप्ति भट्ट आदि ने किया।
यह आयोजन टीम क्रिएटिव उत्तराखंड म्योर पहाड़ और बिपिन त्रिपाठी विचार मंच के द्वारा जन सहयोग से किया गया जिसमें कुछ प्रतिष्ठित संस्थान नैनीताल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पाल कॉलेज, प्लस अप्रोच फाउंडेशन, डा लीलाधर भट्ट फाउंडेशन,वासुदेव लॉ कॉलेज, गहतोड़ी हॉस्पिटल, ओहो रेडियो, चांदनी इंटरप्राइजेज, समय साक्ष्य, पगडंडी चैनल ने भी प्रतिभाग कर सहयोग प्रदान किया।
पूरे देश में इस अनूठे रचनात्मक प्रयास को सराहना मिल रही है। आयोजक मंडल के अध्यक्ष के पी एस अधिकारी और पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार प्रकट किया। संयोजक हेम पंत और दयाल पांडे ने बताया कि बिना किसी सरकारी सहायता के “किताब कौतिक अभियान” पूरे देश में प्रशंसा पा रहा है और अगला आयोजन नवंबर 2024 में “पंतनगर किताब कौतिक” के रूप में होगा।