शौक नहीं मजबूरी है अब हड़ताल जरूरी है… राजकीय चिकित्सक संघ

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हल्द्वानी। शुक्रवार को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी जनपदों से पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने प्रतिभाग किया। सभी चिकित्सकों ने एकमत होकर चार अक्टूबर को प्रस्तावित हड़ताल का समर्थन किया। सभी चिकित्सकों ने हड़ताल से आम जानता को होने वाली परेशानियों को लेकर खेद प्रकट किया।


उनका कहना था कि, इतना समय देने के बावजूद सरकार/सचिवालय/निदेशालय उनकी मांगों की कोई सुध नहीं ली। सचिवालय से तो इतनी आपत्तियां लग गई हैं, जितनी आज तक पिछले कई सालों में नहीं लगीं थीं । 4 तारीख़ से होने वाली हड़ताल में फ़िलहाल इमरजेंसी तथा पोस्टमार्टम का काम चलता रहेगा।
पिछले तीन साल से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी, सिर्फ कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। उनका कहना है कि माँगें तो छोड़िये जो देय समयबद्ध लाभ हैं, जिस पर उनका अधिकार है वो भी नहीं दिया जा रहा है। DPC तथा SDACP का लाभ कोई दया नहीं उनका अधिकार है। SDACP तो एक प्रकार की ACP है उसे भी लटकाया जा रहा है। शासन और निदेशालय की जिम्मेदारी है कि DPC और SDACP समय पर हों। लेकिन विभाग की लापरवाही और उदासीनता के चलते इस को भी माँगना पड़ रहा है।

चार अक्टूबर से सभी सरकारी चिकित्सालयों तथा कार्यालयों में OPD, IPD, Elective surgeries, rounds तथा कार्यालय में कार्य का पूर्णरूप से बहिष्कार किया जाएगा। इमरजेंसी तथा पोस्टमार्टम अगले नोटिस तक जारी रहेंगे ।


चिकित्सकों ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से हस्तक्षेप की मांग करते हुए उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही की उम्मीद जताई हैं। इस दौरान प्रांतीय अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा, प्रांतीय महासचिव डॉ रमेश कुंवर प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ उत्तराखण्ड सभी पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।

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