हल्द्वानी। बुधवार को पर्वतीय संस्कृत उत्थान मंच द्वारा आयोजित वार्षिक उत्तरायणी मेला भव्य रूप से प्रारंभ हुआ। मेले का उद्घाटन संरक्षक हुकुम सिंह कुंवर और अध्यक्ष खड़क सिंह बगडवाल द्वारा सयुंक्त रूप से फीता काट कर किया गया। उद्घाटन समारोह में उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए संरक्षक हुकुम सिंह कुंवर ने कहा कि उत्तरायणी मेला और घुघुतिया त्यार हमारे पर्वतीय समाज की पहचान है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मेले का आयोजन हर साल इसलिए किया जाता है, ताकि पर्वतीय समाज को एकता के सूत्र में बांधते हुए अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जा सके और आगामी पीढ़ियों के लिए इस सांस्कृतिक धरोहर को संजोया जा सके।
अध्यक्ष खड़क सिंह बगडवाल ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तरायणी पर्व पर पर्वतीय समाज के सभी सदस्यों को एक जुट होकर मेले में भागीदारी करनी चाहिए, ताकि अपनी सांस्कृतिक पहचान को उजागर किया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि मेले में दूर-दूर से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने उत्पादों के साथ उपस्थित हैं। अतः समाज के लोगों को मेले में पहुंचकर उनके सामान की खरीदारी करने की आवश्यकता है, ताकि ये महिलाएं प्रेरित हो सकें और स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें।
मेले के अवसर पर उन्होंने सभी क्षेत्रवासियों को उत्तरायणी पर्व की शुभकामनाएं दी और मंच की ओर से सभी को मेले का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया।
यह मेला न केवल सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम है। इस मेले में विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प उत्पाद, पारंपरिक खाद्य सामग्री, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो स्थानीय लोगों एवं पर्यटन को भी आकर्षित करेगा।
आयोजकों ने सभी क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे इस मेले का लाभ उठाएं और अपनी संस्कृति को संजोते हुए इसे सफल बनाएं।