धामी कैबिनेट के अहम फैसले,पूर्व विधायकों को तोहफा..

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी है ।

सीएम धामी की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल की बैठक संपन्न हो गई है। बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिसके बाद बड़े फैसलों पर धामी कैबिनेट ने मुहर लगाई।

धामी कैबिनेट की 32 प्रस्तावों पर मुहर, 1 लाख करोड़ का बजट पास

बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में 32 प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। इस बैठक में 18 फरवरी से शुरू होने वाले बजट को मंजूरी दी गई, जिसमें लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के बजट पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है। साथ ही, विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले अध्यादेशों को भी हरी झंडी दी गई।

महत्वपूर्ण निर्णयों में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजना को मंजूरी देना शामिल है, जिसका प्रस्ताव अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन पंचायतों को 30-30 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया, और इसका ड्राफ्ट भी केंद्र को भेजा जाएगा।

सैनिक कल्याण विभाग को निशुल्क भूमि देने की भी मंजूरी दी गई, और खुरपिया फार्म में सिडकुल की भूमि को आवासीय घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त, राज्य निर्वाचन आयोग के ढांचे में बदलाव की मंजूरी दी गई।

कैबिनेट ने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने का भी निर्णय लिया, अब यह 40,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है। साथ ही, विधायकों की वार्षिक धनराशि में 2500 रुपये की वृद्धि कर 3000 रुपये की गई है।

कैबिनेट के प्रमुख फैसले:

राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 को मंजूरी दी गई, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और यातायात प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है।

परिवहन विभाग के प्रस्ताव के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एआरटीओ के 11 नए पद सृजित करने का निर्णय लिया गया। इनमें से 50% पद पदोन्नति और 50% पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।

वनाग्नि प्रबंधन नीति के तहत वन पंचायतों और मंगल दलों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

लैंड बैंक बनाने को मंजूरी, जिससे पहाड़ों में सुनियोजित टाउनशिप विकसित की जाएगी।

निर्वाचन विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को हरी झंडी।

पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़कर 60 हजार रुपये हुई, भत्ता 2500 से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिवर्ष किया गया।

विधायकों को सत्र के दौरान मिलने वाला यात्रा भत्ता प्रति किलोमीटर चार रुपये बढ़ाया गया।

विधानसभा में विकास कार्यों में आ रही अड़चनों पर एक घंटे की विशेष चर्चा होगी।

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