बागजाला गांव में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना छठे दिन भी जारी रहा। अखिल भारतीय किसान महासभा ने दमुआढुंगा को मालिकाना अधिकार दिए जाने और राजस्व गांव की प्रक्रिया शुरू किए जाने का स्वागत करते हुए, बागजाला को भी इसी प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की।
धरने में शामिल एआईपीएफ राष्ट्रीय संयोजन समिति के सदस्य गिरिजा पाठक ने कहा कि लोकतंत्र के 78 वर्षों बाद भी यदि नागरिकों को अपने आवास के अधिकार के लिए सड़कों पर उतरना पड़े, तो यह सरकार की घोर असफलता है। उन्होंने बागजाला के निवासियों की पंचायत में मतदान के अधिकार से वंचित रहने पर चिंता जताई और भाजपा सरकार की बुलडोजर नीति की आलोचना करते हुए जनता की एकता को इसकी जवाबदेही बताया।
ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के. के. बोरा ने कहा कि देशभर में हो रहे बेघरीकरण के खिलाफ गरीबों की एकता ही एकमात्र रास्ता है।
इस मौके पर किसान महासभा प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, भाकपा माले जिलाध्यक्ष डॉ. कैलाश पांडे, गांव की महिलाओं और युवाओं सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी मौके पर पहुंचकर समर्थन जताया।
धरना जारी रहेगा।वेद प्रकाश,सचिव, अखिल भारतीय किसान महासभा, बागजाला कमेटी