उपचुनाव में दोनों ही सीटे कांग्रेस के पाले में गई हैं। मंगलौर विधान सभा से कांग्रेस के प्रत्याशी काजी मोहम्मद ने जीत हासिल की तो वही बद्रीनाथ विधान सभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बुटोला ने परचम लहराया।
उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव हुए थे।
मंगलौर सीट पर बसपा विधायक के निधन के बाद से यह सीट खाली थी और बदरीनाथ सीट पर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। आज इन दोनों सीटों के परिणाम जारी हुए। इन दोनों ही विधान सभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की हैं।
अयोध्या के बाद भाजपा के बदरीनाथ सीट भी हार जाने के कई मायने निकाले जा रहे है। मंगलौर सीट पर भाजपा का कभी कब्जा नहीं रहा, लेकिन बदरीनाथ सीट खास थी। प्रदेश में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम सामने आने के साथ ही भाजपा को झटका लगा है। मंगलौर के साथ ही भाजपा बदरीनाथ सीट भी हार गई।
मंगलौर सीट पर भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था, लेकिन भड़ाना कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन से मात खा गए। वहीं बदरीनाथ में भाजपा ने राजेंद्र भंडारी पर भरोसा जताया था, लेकिन कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला से भंडारी मात खा गए।
जानकारों का मानना हैं कि,कांग्रेस की इस जीत से उत्तराखंड की जानता ने प्रदेश में बदलाव की उम्मीद को जिंदा रखा हैं।
हालांकि बद्रीनाथ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक राजेंद्र भंडारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि भाजपा से राजेंद्र भंडारी बड़े वोटो से विधानसभा में जीत दर्ज करेंगे। लेकिन जनता का कुछ और ही मूड था, नाराज जनता जनार्दन ने एक बार फिर से बद्रीनाथ विधानसभा से कांग्रेस को ही बहुमत दिया।
वही बात करें मंगलौर की तो वह सीट कभी बीजेपी की थी ही नहीं, उस पर बसपा की हमेशा से ही मुहर रही है लेकिन इस बार कांग्रेस ने वहां बाजी मार ली। और भाजपा भी दूसरे नंबर पर रही।
मंगलौर विधानसभा सीट से काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने 449 वोटो से जीत दर्ज की। काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 31710 वोट मिले वही
दूसरे नंबर पर रहीं भाजपा को 31261 वोट मिले और तीसरे नंबर पर रही बसपा को 19559 वोट ही मिले।
वही बदरीनाथ विधानसभा से कांग्रेस के लखपत बुटोला ने इतने 5095 वोटो से जीत दर्ज़ की। लखपत बुटोला को 27696 वोट मिले। वही बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को 22601वोट मिले। बरद्रीनाथ से निर्दलीय प्रत्याशी रहे नवल खाली को 1786 वोट मिले।