हल्द्वानी। भाकपा माले द्वारा बुधवार को बुध पार्क में गाजा में इजरायल द्वारा जारी जनसंहार के विरोध में एक धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस मौके पर नेताओं ने तत्काल युद्ध विराम की मांग की और फिलिस्तीन की जनता के साथ एकजुटता जताई।
भाकपा माले केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा, “गाज़ा पर इजराइली हमलों का एक साल पूरा हो गया है, और इसके बावजूद अधिकांश देशों के विरोध के बावजूद यह एकतरफा युद्ध जारी है। भारत सहित कई देश इजराइल के पक्ष में खड़े हैं, जबकि हमारी देश की विदेश नीति हमेशा शांतिपूर्ण और गुटनिरपेक्ष रही है। मोदी सरकार को इस आक्रामकता का समर्थन नहीं करना चाहिए।”
ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा, “फिलिस्तीन में गाजा पूरी तरह तबाह हो चुका है। वहाँ 40,000 से अधिक नागरिक, ज्यादातर बच्चे और महिलाएं, मारे जा चुके हैं। गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार वास्तविक संख्या 125,000 के करीब हो सकती है। लोगों के पास रहने के लिए जगह, खाने के लिए भोजन, और इलाज के लिए दवाइयां नहीं हैं।”
अंबेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा ने कहा, “इजराइल की फासिस्ट सरकार मानवता का हत्या कर रही है। भारत को इस तरह के गंभीर अपराध में इजराइल का साथ नहीं देना चाहिए।”
माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने इजरायल के साम्राज्यवादी व्यवहार की आलोचना की, और चेतावनी दी कि यह युद्ध सिर्फ फिलिस्तीन तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, “हमें इजराइली आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। मोदी सरकार मानवता के विरोध में खड़ी है।”
धरने के दौरान कई मांगें उठाई गई, जिनमें शामिल हैं:
- मोदी सरकार इजराइल का समर्थन करना बंद करे।
- गाज़ा और लेबनान में तत्काल युद्ध रुके व इजराइल नरसंहार बंद करे।
- इजराइल को हथियार सप्लाई करने वाले देश ऐसा करना बंद करें।
- गाज़ा से इजराइली सेनाएं तुरंत हटें।
- गाज़ा में विश्व समुदाय राहत सामग्री और पुनर्निर्माण कार्यों में सहायता करे।
- वेस्ट बैंक से भी इजराइली कब्जावर सेनाएं वापस जाएं।
धरने में प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे, जिनमें राजा बहुगुणा, के. के. बोरा, जी आर टम्टा, डा कैलाश पाण्डेय, और अन्य लोग शामिल हैं। इस प्रदर्शन का उद्देश्य एकजुटता के साथ इजरायल के खिलाफ खड़े होना और शांति की स्थापना के लिए प्रयास करना है।