उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यू.एस.नगर के किशोर न्यायलय बोर्ड सदस्य की नियम विरुद्ध नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर याची को नियुक्ति देने के निर्देश भी दिए हैं। न्यायालय ने यह भी कहा है कि उनको नियुक्त करने का अधिकार सलेक्शन कमेटी को है ना कि राज्य सरकार को और सरकार ने ये नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की है।
आपकों बता दें कि वेदना गुप्ता ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने यू.एस.नगर के किशोर न्यायलय बोर्ड के सदस्य पद के लिए आवेदन किया था। सलेक्शन कमेटी ने इस पद पर चयन हेतु सूची बनाई थी, उसमें उनका स्थान पहले नम्बर पर था। परन्तु राज्य सरकार ने इस पद पर उनकी नियुक्ति न करके दूसरे व तीसरे स्थान पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी।
जबकि सलेक्शन कमेटी में उच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायधीश होते है। राज्य सरकार ने इसके विरुद्ध जाकर दूसरे व तीसरे स्थान पाने वाले अभ्यर्थियो की नियुक्ति कर दी। इस सम्बंध में उनके द्वारा राज्य सरकार को प्रत्यावेदन दिया गया, लेकिन उसपर राज्य सरकार ने कोई विचार नहीं किया। इस कदम को उनके द्वारा उच्च न्यायलय में चुनौती दी गई।
न्यायालय ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने को कहा है।