उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी है।वहीं पर्वतीय इलाकों में बारिश का दौर मुसीबत का सबब बन गया है। भाई मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक मौसम की मिजाज इसी तरह से रहने वाला है। मौसम विभाग ने आज देहरादून सहित पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सितंबर के पहले सप्ताह में उत्तराखंड में मानसून की बारिश सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। जबकि दूसरे सप्ताह से भारी बारिश का सिलसिला धीमा पड़ सकता है।
उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बादलों ने डेरा डाला हुआ है और रुक-रुक कर भारी बारिश के दौर भी हो रहे हैं बारिश के चलते जनजीवन भी अस्तव्यस्त हो रखा है। मौसम विभाग ने आज देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश और गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने व अति अति दौर। होने की चेतावनी जारी की है।
कहीं-कहीं येलो अलर्ट
बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शेष पर्वतीय जनपदों और उधम सिंह नगर में कहीं-कहीं बारिश को लेकर येलो अलर्ट है। फिलहाल मंगलवार तक मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। अगले तीन दिन के लिए भारी बारिश का यह रेड अलर्ट जारी किया है।
155 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप
मौसम विभाग के हाइड्रो मेट डिवीजन ने 8 जिलों में बाढ़ की चेतावनी दी है। प्रदेश में इस समय मलबा आने से 166 रास्ते बंद है जबकि सात पुल बह गए हैं। आपदा के चलते 155 गांव में बिजली आपूर्ति ठप हो रखी है। चमोली से नंदा नगर का बाजार मलबे की चपेट में आ गया है।
56 घंटे बाद खुला मलारी हाइवे
बाजार के ऊपर पाल पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है जिस कारण यहां शनिवार को चार कमरों का मकान और चार गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बाजार की 25 दुकान भी खतरे की जद में है। उधर कुमाऊं क्षेत्र में दारमा और व्यास घाटियों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। चीन सीमा को जोड़ने वाली तवा घाट लिपुलेख के साथ ही सोबला सड़क पहाड़ी दरकने के कारण बंद हो गई है। चमोली में जोड़ने वाला मलारी हाईवे 56 घंटे के बाद खोल दिया गया।